Sunday 25 September 2011

हॉस्टल में बिन ब्याही मां बनी छात्रा, बौखला गया पूरा महकमा

JAI HIND



 
झज्जर.झज्जर राजकीय बहुतकनीकी संस्थान के हॉस्टल में एक छात्रा ने शनिवार देर शाम एक बच्ची को जन्म दिया। यह सूचना मिलने के बाद हॉस्टल में हड़कंप मचा हुआ है। छात्रा ने इस बारे में अपनी बहन के देवर पर आरोप लगाया है।

संस्थान के प्रबंधन का कहना है कि उन्हें छात्रा के गर्भवती होने की कोई जानकारी नहीं थी। नाबालिग छात्रा पानीपत की रहने वाली है। हॉस्टल में इस तरह से नाबालिग छात्रा द्वारा बच्ची को जन्म दिए जाने का यह अपनी तरह का पहला मामला है।

सिविल अस्पताल में भर्ती सेरेमिक ट्रेड के सेकंड इयर की छात्रा रीता (काल्पनिक नाम) ने बताया कि झज्जर के गांव डावला में उसकी बड़ी बहन रहती है, बहन के देवर के साथ दिसंबर 2010 में उसके संबंध बने थे। जबकि छात्रा की बड़ी बहन मनिता ने इस आरोप को नकार दिया है और कहा कि उसकी छोटी बहन किसी बात को ठीक से नहीं बता पा रही है।

हॉस्टल वार्डन संगीता का कहना है कि हॉस्टल में बीती रात ही छात्रा ने बच्ची को जन्म दिया है। जिसके बाद छात्रा को गंभीर हालत में सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया। सुबह राजकीय बहुतकनीकी संस्थान पहुंचे प्रिंसिपल ने स्थिति का जायजा लिया और उच्च अधिकारियों का मामले की जानकारी देने के बाद महिला वार्डन से जवाब भी तलब किया है।

जा सकती थी जान

जिस नाजुक हालत में छात्रा ने बच्ची को जन्म दिया है, उससे छात्रा व उसकी बच्ची दोनों की जान भी जा सकती थी। सूत्रों की मानें तो हॉस्टल में तैनात डॉक्टर से गर्भवती छात्रा को पेट में दर्द उठने पर चेकअप भी कराया गया था, ऐसे में बजाय कि छात्रा को गर्भवती बताए जाने के उसे गैस की शिकायत जताते हुए ग्लूकोज लगा दिया गया। ग्लूकोज ड्रिप लगने के बाद तीन चौथाई ग्लूकोज चढ़ने के बाद ही छात्रा ने एक बच्ची को जन्म दे दिया।

वहीं जैसे ही बच्ची की किलकारियां हॉस्टल परिसर में गूंजी तो सभी हैरान रह गए। बच्ची को जन्म देते ही छात्रा की हालत बिगड़ गई, उसका सांस टूटने लगा था, जिसके बाद आनन-फानन में उसे सिविल अस्पताल झज्जर में भर्ती कराया गया।

यह उठते हैं सवाल

इस तरह की घटना के बाद से कई सवाल भी उठने लगे हैं। एक शिक्षण संस्थान के हॉस्टल में कमरे में दो से तीन लड़कियां इकट्ठी रहती हैं। हॉस्टल वार्डन व चीफ वार्डन कभी भी हॉस्टल की तलाशी व निरीक्षण कर सकते हैं। ऐसे में सवाल यह उठता है कि क्या लंबे समय से हॉस्टल के कमरों की तलाशी ली ही नहीं गई? हैरानी की बात यह है कि नौ महीने तक एक गर्भवती छात्रा हॉस्टल में रह रही थी और किसी को इस बात की भनक भी नहीं लगी? हॉस्टल में तैनात डॉक्टर द्वारा छात्रा को गैस की शिकायत होने पर ग्लूकोज की ड्रिप लगा दी गई। छात्रा के गर्भवती होने का पता क्यों नहीं लगाया जा सका?

नाबालिग छात्रा द्वारा गर्भवती होने के बारे में उसकी कद काठी के कारण हॉस्टल में किसी को पता नहीं चल पाया। यहां तक कि रात में डॉक्टर भी इस बारे में पता नहीं लगा पाए। छात्रा द्वारा बच्ची को जन्म दिए जाने के मामले में उच्च अधिकारियों को जानकारी दे दी गई है, महिला वार्डन से जवाब मांगा गया है।

- आरएस दहिया, चीफ हॉस्टल वार्डन, राजकीय बहुतकनीकी संस्थान, झज्जर

इस बारे में मुझे आज ही जानकारी मिली है, मैं खुद हैरान हूं कि आखिर इतने दिन तक इस बारे में हॉस्टल में किसी को पता क्यों नहीं चला? छात्रा के परिजनों को सूचित कर दिया गया है, मामले की जांच कराई जा रही है।

- राजीव वासुदेव, प्रिंसिपल, राजकीय बहुतकनीकी संस्थान, झज्जर

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