Monday 26 September 2011

घर पर कोई नहीं था, तभी इस लड़की ने ऐसा क्यों कर लिया कि..

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जयपुर. नाहरगढ़ रोड स्थित नृसिंह कॉलोनी में शनिवार सुबह दसवीं कक्षा में पढ़ने वाली छात्रा ने आत्मदाह कर लिया। आत्मदाह के समय वह घर पर अकेली थी। मौके पर कैरोसीन की खाली पीपी मिली है।


नाहरगढ़ थाना पुलिस आत्मदाह के कारणों का पता लगा रही है। घटना के अनुसार पिंकी प्रजापत (17) पुत्री भगवान सहाय प्रजापत, गणगौरी बाजार स्थित नॉर्मल स्कूल में दसवीं कक्षा में पढ़ती थी। सुबह वह घर पर अकेली थी। उसके माता-पिता चौगान स्टेडियम में आधार पहचान पत्र बनवाने के लिए गए हुए थे, जबकि तीन छोटे भाई बहन स्कूल गए थे। पिंकी को बारह बजे स्कूल जाना था।


स्कूल जाने से पहले ही उसने कमरे में पड़े मिट्टी के ढेर पर बैठकर कैरोसीन से भरी तेल की पीपी को उड़ेल आत्मदाह कर लिया। कमरे से निकल रहे धुएं को देखकर पड़ोसी ने कमरे में झांक कर देखा तो वह जलती हुई दिखाई दी। सूचना मिलने पर पुलिस घटनास्थल पर पहुंची तब तक छात्रा की मौत हो चुकी थी।

 

छि..छि..! 'धरती के भगवान' ने ये क्या कर डाला..

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भोपाल।हमीदिया अस्पताल में गुरुवार देर रात जूनियर डॉक्टर ने एक महिला से छेड़खानी की। महिला की शिकायत पर कोहेफिजा पुलिस ने जूनियर डॉक्टर के विरुद्ध छेड़खानी का मामला दर्ज किया है। हालांकि आरोपी डॉक्टर ने खुद को बेकसूर बताया है। साथ ही गांधी मेडिकल कॉलेज (जीएमसी) के हड्डी रोग विभाग के एक सीनियर रेसीडेंट डॉक्टर पर अपने खिलाफ साजिश करने का आरोप लगाया है।

कोहेफिजा पुलिस ने बताया कि बड़वानी निवासी रुकमा बाई (परिवर्तित नाम) गुरुवार रात करीब 11.30 बजे हमीदिया के प्राइवेट वार्ड के बाहर मौजूद थी। तभी आथरेपेडिक विभाग के जूनियर डॉक्टर अनुराग अग्रवाल ने उनके साथ अश्लील हरकतें करनी शुरू कर दी। इस पर पीड़िता ने चिल्लाना शुरू कर दिया। तभी महिला के रिश्ते के बड़े भाई डॉ. प्रभात पाटीदार वहां पहुंच गया, जिसे देख डॉ. अग्रवाल भाग गए।

मुझे फंसा रहे हैं डॉ. पाटीदार

महिला से छेड़छाड़ के आरोपी डॉ. अनुराग अग्रवाल ने बताया कि गुरुवार को दोपहर में सीनियर रेसीडेंट डॉ. प्रभात पाटीदार से मेरा झगड़ा हुआ था। इस कारण मुझे फंसाने के लिए डॉ. पाटीदार ने किसी मरीज की महिला साथी का सहारा लेकर कोहेफिजा पुलिस में मेरी झूठी शिकायत की है।

बकौल डॉ. अग्रवाल गुरुवार रात पूरे समय मैं आथरेपेडिक विभाग में ड्यूटी करता रहा। आथरेपेडिक विभाग के सीनियर रेसीडेंट डॉ. प्रभात पाटीदार ने बताया कि रुकमा बाई मेरी बड़ी बहन हैं। वे अस्पताल में अपनी सास पार्वती बाई का इलाज कराने आई हुई हैं।

गुरुवार रात को मैं पार्वती बाई को देखने गया था, तभी वार्ड के बाहर रुकमा के चिल्लाने की आवाज सुनाई दी। मैं डॉ. अनुराग को उनकी गलती बताने गया तो उन्होंने मेरे साथ झगड़ा किया। इसी झगड़े को डॉ. अनुराग दोपहर का झगड़ा बता रहे हैं। मैंने डॉ. अग्रवाल की शिकायत कोहेफिजा पुलिस थाने और कॉलेज डीन से की है।

महिला को छेड़ने के मामले की प्रारंभिक जांच में जूनियर डॉ. अनुराग अग्रवाल व सीनियर रेसीडेंट डॉ. प्रभात के बीच विवाद होने की बात सामने आई है। महिला ने अब तक मुझसे व डीन से घटना की शिकायत नहीं की है।

- डॉ. डीके पाल, अधीक्षक हमीदिया अस्पताल

'बस एक बार मेरे साथ सो जाओ कार दिला दूंगा '

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उदयपुरभ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने सहायक लोक अभियोजक (एपीपी) को रिश्वत में अस्मत मांगने के आरोप में गिरफ्तार किया है। उसे शुक्रवार शाम फरियादी महिला के बेडरूम से आपत्तिजनक अवस्था में पकड़ा गया। आरोपी अभिमन्यु सिंह एसीजेएम-2 कोर्ट में एपीपी (प्रथम) के पद पर कार्यरत है और उसने महिला की कार को कोर्ट से छुड़ाने की ऐवज में यह मांग रखी थी। अदालत ने आरोपी को जेल भेज दिया। एसीबी ने एपीपी के कब्जे से 50, 570 रुपए और उत्तेजक दवाइयां बरामद की हैं। उसके घर की तलाशी में 44 हजार 45 रु. नकद, उसके व परिजनों के नाम के 16 बैंक अकाउंट के कागजात, तीन एटीएम कार्ड, सोने-चांदी के आभूषण, एलआईसी पॉलिसियां और सोना-चांदी खरीदने की रसीदें मिली हैं। एसीबी टीम अभिमन्युसिंह के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति की भी जांच कर रही है।

एसीबी के एएसपी राजेंद्र प्रसाद गोयल ने बताया कि आरोपी अभिमन्यु सिंह (49) यहां ओटीसी स्कीम (अंबामाता) में रहता है। वह मूलत: बलिया (उप्र) जिले का रहने वाला है।
महिला ने गुरुवार को ब्यूरो कार्यालय आकर अभिमन्युसिंह द्वारा उसके साथ अनैतिक प्रस्ताव रखे जाने की शिकायत की थी। ब्यूरो कार्यालय से महिला की अभिमन्युसिंह से मोबाइल पर बात करवाई गई।

शिकायत की पुष्टि होने के बाद शुक्रवार शाम को स्कूटी लेकर महिला को सुखाड़िया सर्कल भेजा गया, जहां अभिमन्युसिंह इंतजार कर रहा था। वह महिला के साथ उसके घर चला गया। ब्यूरो अधिकारियों ने महिला को दरवाजा अंदर से बंद नहीं करने के लिए कह रखा था। टीम सीधे बैडरूम पहुंच गई, जहां अभिमन्युसिंह आपत्तिजनक अवस्था में मिला।

कार छुड़वाने के बदले मांगी थी अस्मत
फरियादी महिला ने पिछले साल एक नवंबर को एसीजीएम नंबर 2 में अपने पति के खिलाफ भरण-पोषण का मुकदमा दर्ज करवाया था। इसके बाद से अभिमन्युसिंह की इस महिला पर नजर थी। महिला के पति ने उसके नाम रजिस्टर्ड कार किसी को बेच दी थी। इस संबंध में अंबामाता थाने में प्रकरण दर्ज कराए जाने के बाद पुलिस ने कार को जब्त कर लिया था। महिला इसी कार को कोर्ट से छुड़ाना चाहती थी। कोर्ट में कार छुड़ाने के लिए खरीददार ने भी प्रार्थना पत्र लगा रखा था। अभिमन्युसिंह ने प्रस्ताव रखा था कि अगर वह उसकी बात मान लेगी तो वह कोर्ट से कार छुड़वा देगा।


[बेटियों और एक बेटे का पिता है आरोपी
अभिमन्युसिंह की तीन बेटी और एक बेटा है। एक बेटी और बेटे की शादी हो चुकी है। घटना के समय अभिमन्युसिंह का दामाद भी उसके घर था। अभिमन्युसिंह ने महिला से बातचीत करते समय कहा था कि वह जल्दी उसे घर ले जाए, क्योंकि उसके दामाद को शुक्रवार रात ग्वालियर की ट्रेन में बिठाना है। अभिमन्युसिंह का पूर्व में एक्सीडेंट हो चुका है और वह ऑर्थराइटिस से भी पीड़ित है।

पहले पकड़ा गया था डॉक्टर
एसीबी टीम ने एक सितंबर, २क्क्९ को एक डाक्टर को भी रिश्वत में अस्मत मांगने के मामले में गिरफ्तार किया था। डॉ. सुबीर मिश्रा वल्लभनगर चिकित्सा अधिकारी थे, जिन्होंने एएनएम से बकाया बिलों का भुगतान कराने की एवज में उसकी अस्मत मांगी थी।

शादी के बाद पति नहीं ससुर की 'सेज' पर पहुंची दुल्हन!

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गुड़गांव.  भोंडसी थाना क्षेत्र के गांव खैंजावास में बहू के साथ दुष्कर्म करने का मामला प्रकाश में आया है। ससुर तीन सालों से लगातार उससे दुष्कर्म करता आ रहा था।

 
महिला ने थाना पहुंचकर आपबीती बताई। महिला के बयान पर ससुर के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है। महिला का मेडिकल करवाया गया, जिसमें दुष्कर्म का आरोप सही पाया गया है। आरोपी की तलाश जारी है।

 
पलवल निवासी शांति (परिवर्तित नाम) का विवाह 3 वर्ष पहले भोंडसी थाना इलाके के गांव खैजावास निवासी शेखर से हुआ था। शेखर बचपन से ही मंदबुद्धि है। शादी के बाद से ही उसका ससुर रमेश उससे दुष्कर्म करता आ रहा है। विरोध करने पर उसे वह धमकाता था। दो दिन पहले उसकी सास मायके चली गई थी।

 
इससे रमेश को और मौका मिल गया। वह लगातार दो दिनों से जबरन उससे अनैतिक संबंध बना रहा था। हिम्मत कर उसने मामले की सूचना शुक्रवार को पुलिस को दी। विवाहिता को एक डेढ़ वर्षीय बच्ची भी है। भोंडसी थाना प्रभारी सूबे सिंह यादव ने बताया कि विवाहिता का मेडिकल करा आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है।

Sunday 25 September 2011

और बढ़ा पाकिस्तान-अमेरिका में तनाव, गिलानी ने हिना को वापस बुलाया

JAI HINDसंयुक्त राष्ट्र.पाकिस्तान और अमेरिका के बीच की तल्खी लगातार बढ़ती जा रही है। अब तक चल रहा वाकयुद्ध अब सामरिक सामरिक रिश्तों में दरार के रूप में सामने आया है।
पाकिस्तान ने अपनी विदेश मंत्री हिना रब्बानी खार को संयुक्त राष्ट्र के सम्मेलन से वापस बुला लिया है। हालांकि अभी यह साफ नहीं किया गया है कि रब्बानी को क्यों बुलाया गया है लेकिन इससे यह जरूर नजर आता है कि पाकिस्तान अमेरिका के अड़ियल रवैये से खफा है।
पाकिस्तान के अखबार द नेशन ने प्रधानमंत्री कार्यालय के एक अधिकारी के हवाले से खबर दी है कि प्रधानमंत्र यूसुफ रजा गीलानी ने संयुक्त राष्ट्र के अधिवेशन में पाकिस्तान का प्रतिनिधित्व करने पहुंची हिना रब्बानी खार को फोन कर तुरंत पाकिस्तान वापस आने के लिए कहा है। हिना को संयुक्त राष्ट्र अधिवेशन में २७ सितंबर को भाषण देना था। हालांकि कुछ अपुष्ट सूत्रों से यह खबर भी आ रही है कि हिना अपना भाषण देकर ही पाकिस्तान आएंगी।
वहीं पाकिस्तान के प्रधानमंत्री कार्यालय के प्रवक्ता का हवाला देते हुए द नेशन ने यह भी लिखा है कि प्रधानमंत्री ने हिना को देश की आंतरिक स्थित और विदेशी संबंधों पर चर्चा करने के लिए तलब किया है। गिलानी ने ऐसा करने से पहले पाकिस्तान के तमाम बड़े नेताओं को विश्वास में भी लिया। रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान की तमाम पार्टियों की एक मीटिंग भी जल्द ही बुलाई जा रही है।

वहीं इससे संयुक्‍त राष्‍ट्र में पाकिस्‍तान के प्रतिनिधि अब्‍दुल्‍ला हुसैन हारून ने खुली चेतावनी देते हुए कहा था कि अगर पाकिस्‍तान के प्रति अमेरिका ने आक्रामक रुख अख्तियार किया तो उसे जवाबी कार्रवाई भी झेलना पड़ेगा। उन्‍होंने कहा कि अमेरिका को पाकिस्‍तान के खिलाफ कोई कार्रवाई करने से पहले वियतनाम को याद कर लेना चाहिए।
पाकिस्तान और अमेरिका के बीच बढ़ते फासले ने दोनों देशों के आमने-सामने आने की संभावना को बढ़ा दिया है। अमेरिका लगातार पाकिस्तान पर आईएसआई की नकेल कसने और हक्कानी नेटवर्क को तबाह करने का दवाब बना  रहा है तो वहीं पाकिस्तान भी अपने आत्मसम्मान और प्रभुता पर अड़ा हुआ है।
गिलानी ने पाकिस्तान के नेताओं से चर्चा की, फिर हिना रब्बानी को बुलाया
पाकिस्तान के अखबार डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक विदेश मंत्री को अमेरिका से वापस बुलाने से  पहले पाकिस्तान के प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गीलानी ने देश की सुरक्षा और अमेरिका से संबंधों के बारे में चर्चा करने के लिए विभिन्न पार्टियों के नेताओं से चर्चा की।
रिपोर्ट के मुताबिक गिलानी ने पाकिस्तान मुस्लिम लीग की मुखिया मियां नवाज शरीव, एमक्यूएम के मुखिया अल्ताफ हुसैन, एएनपी के नेता असफंदर वली, जमात ए इस्लामी के नेता मुनव्वर हसन, जमात-ए-उलेमा इस्लामी के नेता फजलुर्रहमान, एमक्यूएम के नेता चौधरी सुजाअत हुसैन और अवामी लीग के नेता शेख रशीद अहमद से चर्चा के बाद यह फैसला लिया कि अमेरिका द्वारा लगाए गए आरोपों का जवाब पूरी मजबूती और ईमानदारी से दिया जाए।
गिलानी ने कहा कि अमेरिका ने पूरे पाकिस्तान के आवाम पर आरोप लगाए हैं और इन आरोपों से आतंक के खिलाफ जारी लड़ाई पर नकारात्मक असर पड़ेगा। विदेश मंत्री हिना रब्बानी खार को संयुक्त राष्ट्र के अधिवेशन से वापस बुलाने से पहले गिलानी ने देश के तमाम बड़े नेताओं को विश्वास में लिया।

कयानी ने भी की अपने कमांडरों से मुलाकात
पाकिस्तान के शक्तिशाली सेना प्रमुख जनरल अशफाक कयानी ने अपने सभी प्रमुख कमांडरों के साथ रविवार को बैठक कर देश के सुरक्षा हालात पर चर्चा की। कयानी की यह विशेष बैठक भी अमेरिका के आरोपों के मद्देनजर हुई है।
गौरतलब है कि अमेरिका लगातार आरोप लगा रहा है कि पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई , जो सीधे तौर पर सेना की कमांड में काम करती है, हक्कानी नेटवर्क के साथ मिलकर अमेरिकी ठिकाने पर हमले करवा रही है। पाकिस्तान इन आरोपों को लगातार नकार रहा है।
हाल ही में अमेरिका के ठिकानों पर हक्कानी नेटवर्क के हमले बढ़े हैं। अमेरिका इन हमलों के लिए सीधे तौर पर पाकिस्तान को जिम्मेदार ठहरा रहा जिसके चलते दोनों देशों के बीच तनाव लगातार बढ़ रहा है
 

हॉस्टल में बिन ब्याही मां बनी छात्रा, बौखला गया पूरा महकमा

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झज्जर.झज्जर राजकीय बहुतकनीकी संस्थान के हॉस्टल में एक छात्रा ने शनिवार देर शाम एक बच्ची को जन्म दिया। यह सूचना मिलने के बाद हॉस्टल में हड़कंप मचा हुआ है। छात्रा ने इस बारे में अपनी बहन के देवर पर आरोप लगाया है।

संस्थान के प्रबंधन का कहना है कि उन्हें छात्रा के गर्भवती होने की कोई जानकारी नहीं थी। नाबालिग छात्रा पानीपत की रहने वाली है। हॉस्टल में इस तरह से नाबालिग छात्रा द्वारा बच्ची को जन्म दिए जाने का यह अपनी तरह का पहला मामला है।

सिविल अस्पताल में भर्ती सेरेमिक ट्रेड के सेकंड इयर की छात्रा रीता (काल्पनिक नाम) ने बताया कि झज्जर के गांव डावला में उसकी बड़ी बहन रहती है, बहन के देवर के साथ दिसंबर 2010 में उसके संबंध बने थे। जबकि छात्रा की बड़ी बहन मनिता ने इस आरोप को नकार दिया है और कहा कि उसकी छोटी बहन किसी बात को ठीक से नहीं बता पा रही है।

हॉस्टल वार्डन संगीता का कहना है कि हॉस्टल में बीती रात ही छात्रा ने बच्ची को जन्म दिया है। जिसके बाद छात्रा को गंभीर हालत में सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया। सुबह राजकीय बहुतकनीकी संस्थान पहुंचे प्रिंसिपल ने स्थिति का जायजा लिया और उच्च अधिकारियों का मामले की जानकारी देने के बाद महिला वार्डन से जवाब भी तलब किया है।

जा सकती थी जान

जिस नाजुक हालत में छात्रा ने बच्ची को जन्म दिया है, उससे छात्रा व उसकी बच्ची दोनों की जान भी जा सकती थी। सूत्रों की मानें तो हॉस्टल में तैनात डॉक्टर से गर्भवती छात्रा को पेट में दर्द उठने पर चेकअप भी कराया गया था, ऐसे में बजाय कि छात्रा को गर्भवती बताए जाने के उसे गैस की शिकायत जताते हुए ग्लूकोज लगा दिया गया। ग्लूकोज ड्रिप लगने के बाद तीन चौथाई ग्लूकोज चढ़ने के बाद ही छात्रा ने एक बच्ची को जन्म दे दिया।

वहीं जैसे ही बच्ची की किलकारियां हॉस्टल परिसर में गूंजी तो सभी हैरान रह गए। बच्ची को जन्म देते ही छात्रा की हालत बिगड़ गई, उसका सांस टूटने लगा था, जिसके बाद आनन-फानन में उसे सिविल अस्पताल झज्जर में भर्ती कराया गया।

यह उठते हैं सवाल

इस तरह की घटना के बाद से कई सवाल भी उठने लगे हैं। एक शिक्षण संस्थान के हॉस्टल में कमरे में दो से तीन लड़कियां इकट्ठी रहती हैं। हॉस्टल वार्डन व चीफ वार्डन कभी भी हॉस्टल की तलाशी व निरीक्षण कर सकते हैं। ऐसे में सवाल यह उठता है कि क्या लंबे समय से हॉस्टल के कमरों की तलाशी ली ही नहीं गई? हैरानी की बात यह है कि नौ महीने तक एक गर्भवती छात्रा हॉस्टल में रह रही थी और किसी को इस बात की भनक भी नहीं लगी? हॉस्टल में तैनात डॉक्टर द्वारा छात्रा को गैस की शिकायत होने पर ग्लूकोज की ड्रिप लगा दी गई। छात्रा के गर्भवती होने का पता क्यों नहीं लगाया जा सका?

नाबालिग छात्रा द्वारा गर्भवती होने के बारे में उसकी कद काठी के कारण हॉस्टल में किसी को पता नहीं चल पाया। यहां तक कि रात में डॉक्टर भी इस बारे में पता नहीं लगा पाए। छात्रा द्वारा बच्ची को जन्म दिए जाने के मामले में उच्च अधिकारियों को जानकारी दे दी गई है, महिला वार्डन से जवाब मांगा गया है।

- आरएस दहिया, चीफ हॉस्टल वार्डन, राजकीय बहुतकनीकी संस्थान, झज्जर

इस बारे में मुझे आज ही जानकारी मिली है, मैं खुद हैरान हूं कि आखिर इतने दिन तक इस बारे में हॉस्टल में किसी को पता क्यों नहीं चला? छात्रा के परिजनों को सूचित कर दिया गया है, मामले की जांच कराई जा रही है।

- राजीव वासुदेव, प्रिंसिपल, राजकीय बहुतकनीकी संस्थान, झज्जर

मौत को समझने के यह तीन रास्ते हैं..............!!

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मौत को समझने के यह तीन रास्ते हैं..
जीवन मिला है तो मृत्यु तय है। दुनिया की सबसे तयशुदा घटना है मौत। हम जीवनभर बहुत सारी ऊर्जा उन बातों पर लगाते हैं जो तय नहीं हैं। जो अस्पष्ट है, ना ही भरोसे का है हमारी इच्छाएं उसी की ओर दौड़ती हैं। इच्छाएं और वासनाएं जितनी हावी होंगी हमारी गुप्त शक्तियां प्रकट होने में उतनी ही देर लगेगी। 


जितना हम गुप्त शक्तियों को जाग्रत कर लेंगे उतना हम मृत्यु को जान लेंगे। अब सवाल यह उठता है कि मौत को जानना क्या जरूरी है, जब आएगी तब आएगी और उसके बाद किसने देखा, क्या हुआ? एक वर्ग इस सिद्धांत से जीवन जीता है और दूसरा वर्ग है भयभीत लोगों का। ये जीवन को मौत के भय में गुजारते हैं। जरा बारीकी से देखें तो दोनों ही तरीके के लोगों का परिणाम एक सा है। मौत का भय या मृत्यु का अज्ञान, दोनों एक जैसे नतीजे देते हैं। 


तीसरा तरीका है मृत्यु का ठीक से परिचय कर लेना। जिसने मौत को जान लिया उसने फिर जीवन होश में जी लिया। जीवन अशांत, उदास, उबाऊ और थका हुआ इसीलिए लगता है कि हम सबसे सुनिश्चित घटना के प्रति होश में नहीं हैं। ये बेहोशी अगले जन्म तक परिणाम देगी। हम जो आज हैं वह पीछे से आया और लाया हुआ है। 


इसीलिए संतों का उनके जन्म पर पूरा अधिकार होता है और सामान्यजन का जन्म वश में नहीं होता। कहां, कब पैदा होना यह वश के बाहर है, लेकिन दिव्य पुरुष इस मामले में कन्फर्म बर्थ-डेथ वाले होते हैं। हम भी मृत्यु से परिचय ले सकते हैं। तीन तरीके हैं गुरुकृपा, सत्संग और ध्यान। इन तीनों के माध्यम से जो मृत्यु को जान लेगा फिर वो जीवन को भी पूरी मस्ती से जी लेगा।

Tuesday 20 September 2011

जेल और जमानत

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हिरासत में लिए जाने के बाद कुछ दिन हवालात, तिहाड़ जेल और एम्स में बिताने के बाद सांसद अमर सिंह पिछले दिनों अंतरिम जमानत पर कुछ शर्तों के साथ रिहा हो गए। दूसरी ओर, आज भी तिहाड़ में बहुत सारे ऐसे वीआईपी कैदी बंद हैं, जिन्हें जमानत नहीं मिली है और सर्वोच्च न्यायालय तक से उनकी अर्जी फिलहाल खारिज कर दी गई है। इनमें सुरेश कलमाडी के अलावा पूर्व केंद्रीय मंत्री ए राजा और कनिमोझी के साथ-साथ उद्यमी संजय चंद्रा और निर्माता बलवा भी शामिल हैं। अदालत का मानना है कि अपनी पहुंच के कारण राजनेता जमानत पर रिहा होने के बाद गवाहों और सुबूतों के साथ छेड़छाड़ कर जांच को पथभ्रष्ट कर सकते हैं। पर दूसरों के बारे में यह नहीं कहा गया है। फिर भी सभी को सरकारी खजाने को नुकसान पहुंचाने वाली साजिश में शामिल होने के कारण तराजू के एक ही पलड़े पर रखकर तौला जा रहा है। यह तरीका नागरिक आजादी के लिए बेहद खतरनाक साबित हो सकता है, लिहाजा न्यायपालिका को हिरासत और जमानत मामलों में पुनर्विचार करना ही चाहिए।

जब से न्यायमूर्ति कृष्ण अय्यर ने ‘जेल नॉट बेल’ वाले सिद्धांत का प्रतिपादन किया, तभी से इसे सर्वोच्च न्यायालय का फैसला होने के कारण देश का कानून माना जाता रहा है। आपातकाल के अनुभव के बाद यह महसूस होने लगा था कि भारत में हिरासत और गिरफ्तारी विषयक जो कानून औपनिवेशिक काल में बनाए गए थे, वे कितने दुखदायक हो सकते हैं। पुलिस की उत्पीड़क शक्ति किसी को भी शक के दायरे में रख या फरजी रिपोर्ट दायर कर हिरासत में लेनेवाले कानूनों से ही उपजती है। करोड़ों बेगुनाह गरीब देहाती या शहरी नागरिक न तो कानूनों से परिचित हैं और न ही अपने बुनियादी अधिकारों के बारे में जागरूक। जिन्हें इसकी थोड़ी-बहुत जानकारी है, वे भी लाचार हैं। मामले बरसों अदालत में विचाराधीन लटके रहते हैं और आरोपी की उम्र जेल में राई-रत्ती सुख-सुविधा जुटा सकने या हवालात में वहशी यंत्रणा से बचने के प्रयासों में ही कट जाती है।

जो लोग ताकतवर या दौलतमंद होते हैं, उनके लिए कानूनी प्रक्रिया की रफ्तार अचानक तेज हो जाती है। पुलिस वाले भी यह बात भलीभांति जानते हैं कि वे जिस पर हाथ डाल रहे हैं, उसके साथ कैसा सुलूक उन्हें करना चाहिए। यह संयोग नहीं है कि जब भी कोई बड़ा राजनेता किसी घपले-घोटाले में गिरफ्तार होता है, तो वह अचानक तबियत खराब हो जाने के कारण सीधे अस्पताल के वीआईपी वार्ड में पहुंच जाता है और तब तक वहीं बना रहता है, जब तक जमानत न हो जाए। वकीलों की मेहरबानी से उसे अंतरिम जमानत मिल जाती है, और यदि ऐसा नहीं हुआ, तो वह ऐसी ही किसी आरामगाह में मेहमान बना रहता है। पिछले दिनों राम जेठमलानी ने अदालत का ध्यान इस ओर दिलाया है कि जिस व्यक्ति को हिरासत में लिया जाता है, उसे मुनासिब मुचलकों और जमानत पर तत्काल रिहा करना चाहिए। यदि ऐसा नहीं किया जाता तथा उसे लंबे समय तक कारावास भोगना पड़ता है, तो इसे नागरिक की स्वतंत्रता वाले बुनियादी अधिकार का उल्लंघन समझा जाना चाहिए।

सवाल इतना भर नहीं है कि विचाराधीन आरोपी को अंतिम अपील खारिज होने तक निर्दोष ही माना जाना चाहिए। असली मुद्दा यह है कि पुलिस या जांचकर्ता किस व्यक्ति को कितने दिनों तक हवालात में रख सकते हैं या न्यायिक हिरासत में जेल भेज सकते हैं। आम आदमी यह जानता है कि परेशान करने के लिए पुलिस उसे शुक्रवार की शाम को हिरासत में लेकर हवालात पहुंचा सकती है, ताकि उसे जमानत की कार्यवाही का मौका सोमवार की सुबह तक न मिल सके। पढ़े-लिखे साधन-संपन्न नागरिक भी भ्रष्ट पुलिस और जेल अधिकारियों से इतना घबराते हैं कि उनकी सबसे पहली चिंता हवालात में यंत्रणा से बचने की रहती है। इसी का फायदा थाने या जेल में ऊपरी कमाई जुटाने के लिए उठाया जाता है। यह भी सर्वविदित है कि जेल वाले डॉक्टर की इतनी पूछ क्यों होती है। उसकी कृपा से और उसी के नुसखे से विचाराधीन बंदी ही नहीं, खूंखार अपराधी भी अस्पताल का सुख भोग सकते हैं। यह कल्पना करना कठिन है कि प्रभावशाली नेता या बाहुबली अपराधी के दबाव या लालच की अनदेखी कर कोई डॉक्टर ऐसी रिपोर्ट अदालत को सौंपने का दुस्साहस कर सकता है, जिसके कारण आरोपी वापस जेल में पहुंच जाएगा।

इस बार सबसे विडंबनापूर्ण स्थिति यह है कि राजनेताओं के साथ-साथ नामी-गिरामी उद्योगपति भी लपेटे में आ चुके हैं। सबसे विचित्र उदाहरण यूनीटेक के पूर्व अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक संजय चंद्रा का है। सीबीआई स्वीकार कर चुकी है कि उसके पास ऐसा कोई साक्ष्य नहीं, जो दर्शाता हो कि उनकी कंपनी के पैसे का कोई लेन-देन पूर्व मंत्री या नौकरशाहों के साथ हुआ है। तब भी वह यह जिद नहीं छोड़ रही कि संजय चंद्रा भी कनिमोझी और राजा के साथ 2जी घोटाले वाली साजिश में शामिल थे। अगर मान भी लें कि इस आरोप में कुछ दम है, तब भी यह समझना कठिन है कि उन्हें लगभग छह महीने से जमानत क्यों नहीं मिल रही? जांच की समयसीमा कानून में तय है। यदि आरोपपत्र इसके भीतर दायर नहीं होता, तो अभियुक्त को रिहा करना अदालत का कर्तव्य है। इसके बावजूद ताकतवरों और कमजोरों को मिलते न्याय में फर्क क्यों है, इस पर इस सार्वजनिक बहस का समय आ गया है।

THE LOST WORLD: Mahatma Gandhi



राखी सावंत को दोबारा स्कूल भेजना चाहिए , उन्हें शिष्टाचार सिखाना बेहद जरूरी हो गया है । जिस तरह के आभद्र शब्दों का प्रयोग उनहोने बाबा रामदेव के लिए किया है उसको देखकर लगता है की उन्हें अभी शिष्टाचार व व्यावहारिक ज्ञान की आवश्यकता है । " बदलेंगे भारत " , लेकिन कैसे? जब यहाँ के वरिष्ठ नागरिक एक दूसरे पर बिना वजह टीका टिप्पणी करते रहेंगे तो देश की प्रगति तो होने से रही । यदि आज यही राखी सावंत अपने भाषण मे कोई अच्छा संदेश देती जैसे "कन्या भ्रूण हत्याओं को रोकना" , " महिलाओं को शिक्षा के लिए प्रेरित करना" आदि तो न जाने कितने लोगों का भला होता । फिल्मी सितारे इतने लोकप्रिय होते हैं की जहां जाते हैं वहाँ जमघट लग जाता है लोग उनकी बात सुनते हैं , कुछ लोग मानते भी हैं , तो ये लोग अपनी इस छवी के बल पर चाहें तो लोगों को कई अच्छे संदेश दे सकते हैं जिस से लोगों मे जागरूकता आए।

THE LOST WORLD: Mahatma Gandhi


Friends !! Bharat mata ki jai vande matram Mein Atul SharmaBharat ki sari Awaam se Request karta hu ki Please Hindu ,Muslism;s nafrat ko katam kar digye please aur hum khena chahtey hai sab Muslism's Ek jaise Nahi hote hai .Kuch logo ki galtiyo se hum sare Muslism's ko galat nahi bol saktey Bus hum inta khen chahtey hai ki nafrat Katam karo Muslism's bhut pyare hote hai aap jitna pyar muslism's se karogi uske jada pyar apko Muslism'se ke side se milega Ek barr pyar karke dekho apne shakti ek karke dekho phir dekho ap dekhga ek naya Hindustan.!! JAI HIND VANDE MATRAM

Monday 19 September 2011

महंगाई से आम आदमी का निकला दिवाला

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महंगाई की मार से आम आदमी का दिवाला निकल चुका है। एक ओर खाने-पीने के चीजों के दाम सातवें आसमान पर हैं वहीं बैंकों का कर्ज एक साल में लगभग चार फीसदी महंगा हो चुका है। इस संकट से आम आदमी के साथ-साथ बैंक भी कुछ कम चिंतित नहीं हैं। कई बैंकों ने यह चिंता जताई है कि ऊंची ब्याज दर अब उनके व्यवसाय को कम कर सकती है।

बजट को दुरुस्त करना चाहते है बैंक
दरअसल अब तक ब्याज दर बढ़ने से बैंकों का व्यवसाय भी बढ़ता था। मगर भविष्य में ब्याज दर बढ़ने से ग्राहकों की संख्या में कमी आ सकती है। इंडियन बैंक के प्रबंध निदेशक टी. एम. भसीन के मुताबिक महंगाई की वजह से ज्यादातर लोग बैंकों से कर्ज लेने के बजाए दूसरे विकल्पों को तलाश रहे हैं। यही वजह है कि कर्ज लेने वाले ग्राहकों की संख्या पिछले साल के परिप्रेक्ष्य में कम हुई है। बतौर भसीन ज्यादातर ग्राहक कर्ज लेने के पहले अपने बजट को दुरुस्त करना चाहते हैं। लेकिन महंगाई उनके बजट को ठीक करने के बजाए और बिगाड़ रही है। उनका कहना है कि रेपो दर बढ़ने से कर्ज महंगा करना बैंकों की मजबूरी हो गई है लेकिन यह भी चिंता है कि भविष्य में ग्राहकों की संख्या पर इसका क्या असर होगा।

नकदी प्रबंधन में आ सकती है दिक्कत
उधर, पंजाब नेशनल बैंक के एक वरिष्ठ अधिकारी भी कहते हैं कि इससे बैंकों के व्यवसाय पर भी असर पड़ सकता है। ग्राहक कर्ज लेने तो आएंगे लेकिन इनकी संख्या पहले की तुलना में कम होने की आशंका है। मालूम हो कि बैंक ऑफ महाराष्ट्र समेत कुछ बैंकों ने अक्तूबर से कर्ज महंगा करने की घोषणा की है लेकिन डिपॉजिट दरों में बदलाव की योजना नहीं है। जिससे बैंकों के लिए नकदी प्रबंधन में दिक्कत आ सकती है।

अमर उजाला ब्यूरो

भूकंप की तीव्रता और नुकसान

JAI HIND
सिक्किम और नेपाल में आए हालिया भूकंप ने एक बार इंसानी ताकत को ललकारा है। इंसान भले ही‌ आर्थिक तरक्की के शिखर पर पहुंच जाए, वह प्रकृति के सामने लाचार है। भूकंप की तीव्रता और उससे होने वाले नुकसान हमेशा से ही इंसान को डराता रहा है। यदि भूकंप की तीव्रता 8 से 10 के बीच हो तो वह बेहद विध्वंसकारी होता है। तो आइए जानते हैं भूकंप की तीव्रता और उससे होने वाले नुकसान के बारे में।

भूकंप की तीव्रता और नुकसान

8 से 10- विध्वंसकारी, जानमाल की काफी क्षति
7 से 8- मानवीय क्षति, इकोनॉमी पर असर
5 से 7- सामान्य नुकसान
4 से 5- कम नुकसान, इमारतों पर असर
3 से 4- क्षति की कम आशंका
1 से 3- भूकंप के हल्के झटके


तीव्रता---दुनिया भर में भूकंप की संख्या (सालाना)

8 और उससे अधिक - 1
7-7.9 - 17
6 - 6.9 - 134
5-5.9 - 1319
4-4.9 - 13,000
3-3.9 - 130,000
2-2.9 - 1,300,000

स्रोत: U.S. Geological Survey

यह आंकड़ा पिछले 47 सालों से किए जा रहे अध्ययन का नतीजा है।

मुसलिम नहीं, पंडित वंशज है अफजल गुरु!

JAI HIND
संसद हमले के दोषी आतंकवादी अफजल गुरु के पूर्वज मुसलिम नहीं बल्कि कश्मीरी पंडित थे। तिहाड़ के एक अधीक्षक की बात पर गौर किया जाए तो यही बात साबित होती है कि अफजल मूल रूप से मुसलिम नहीं बल्कि कश्मीरी पंडित है। खुद अफजल ने इस जेल अधिकारी को बताया कि उसके वंशज कश्मीरी पंडित थे जिन्होंने बाद में मुसलिम धर्म अपना लिया।

जेल में बताई आपबीती
दरअसल अफजल ने तिहाड़ जेल के एक अधीक्षक मनोज दिवेदी को 200 घंटों की बातचीत (समय समय पर ) में यह राज बताए। मनोज दिवेदी ने इस बातचीत के आधार पर 180 पन्नों का एक दस्तावेज तैयार किया लेकिन सरकारी दबाव के चलते यह दस्तावेज प्रकाशित नहीं हो पाया।

पाकिस्तान ने किया अफजल को इस्तेमाल
अफजल के अनुसार बचपन बीतते ही उसे पाकिस्तान आतंकी ट्रेनिंग के लिए ले जाया गया। वहां आतंकी ट्रेनिंग लेने के बाद जब उसे कश्मीर भेजा गया और आतंकी वारदात करने के लिए कहा गया तो उसे समझ आया कि उसका गलत इस्तेमाल हो रहा है। अफजल को जिस तरह घाटी में आतंक फैलाने के निर्देश दिए जाते थे, उसे वो अजीब लगते थे। इसी कारण अफजल ने उन दिनों यह राह छोड़ दी और सामान्य नागरिक की तरह शांति का जीवन जीने लगा।

पढ़ाई लिखाई में मन लगाया
अफजल ने बताया कि कैसे आमधारा में आने के बाद उसने एमबीबीएस के पहले साल की पढ़ाई पूरी की। यही नहीं अफजल ने भारतीय प्रशासनिक सेवा में काम करने के लिए आईईएस की परीक्षा की भी तैयारी की। लेकिन फिर एक बार किन्हीं कारणों के चलते उसने राष्ट्रविरोधी तत्वों की तरफ रुख किया।

सोपोर में है अफजल का परिवार
अफजल गुरु का परिवार जम्मू के सोपोर इलाके में रहता है। उसके परिवार में 92 साल की मां, पत्नी तबस्सुम और 12 साल का बेटा है। अफजल ने पिछले साल परिवार की जुदाई में परेशान होकर सरकार से मांग की थी कि उसे जल्द फांसी दे दी जाए। अफजल ने कहा था कि मेरा परिवार सोपोर में रहता है। उसे यहां दिल्ली आकर मुझसे मिलना काफी महंगा पड़ता है जो उसके बस की बात नहीं। अपने परिवार से मिले बिना नहीं रह सकता। अच्छा होगा कि सरकार जल्द से जल्द मुझे फांसी पर लटका दे या‌ फिर मुझे जम्मू के राज्य की जेल में भेज दे ताकि मैं जीवित रहने तक अपने परिवार को देख तो सकूं।

क्या अफजल गुरु को फांसी के मामले पर चुनावी राजनीति हो रही है? क्या आपको लगता है कि केंद्र सरकार जानबूझकर अफजल को फांसी देने में देर कर रही है?

नरेंद्र मोदी का तीन दिवसीय उपवास संपन्न

JAI HIND
गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सद्भावना मिशन के तहत अपने तीन दिवसीय उपवास को संपन्न कर दी। विभिन्न धर्म संप्रदाय के गुरुओं ने मोदी को जूस पिलाकर उनका उपवास समाप्त करवाया। इस मौके पर मोदी ने कहा कि उनके सद्भावना मिशन से देश आंदोलित हुआ है। उन्होंने कहा कि गुजरात के साथ सभी प्रदेश विकास की राह देख रहे हैं।

मोदी ने भूकंप पीडितों को दी श्रद्धांजलि
गुजरात के मुख्यमंत्री मोदी ने सद्भावना मिशन के तहत अपने उपवास के आज तीसरे एवं अंतिम दिन की शुरूआत सिक्किम एवं पूर्वी भारत में कल देर शाम आये भूकंप में मारे गये लोगों को श्रद्धांजलि के साथ की। गुजरात विश्वविद्यालय परिसर में उपवास स्थल पर मंच पर सुबह 10 बजे श्री मोदी के पहुंचते ही भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता ने देश के पूर्वी हिस्सों में कल आए भूकंप से प्रभावित हुए लोगां के प्रति सहानुभूति व्यक्त की1 मोदी और वहां मौजूद अन्य लोगों ने भूकंप में मारे गये लोगों को श्रद्धांजलि देते हुए दो मिनट का मौन रखा। गौरतलब है कि श्री मोदी राज्य में शांति-एकता और सद्भावना प्रोत्साहित करने के लिए गत 17 सितंबर से तीन दिवसीय सद्भावना उपवास कर रहे हैं।

मोदी के उपवास को राष्ट्रीय राजनीति में आने की उनकी कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है। इसके साथ ही इसे वर्ष 2002 के गोधरा दंगों के बाद से मोदी से दूर हुए मुस्लिम समुदाय को फिर से उनके नजदीक लाने की कोशिश समझी जा रही है। राज्य में विपक्षी कांग्रेस ने श्री मोदी के उपवास के जवाब में ऐसा ही कदम उठाया और पार्टी नेता शंकर सिंह वाघेला तथा अर्जुन मोडवाडिया भी ठीक उसी दिन से उपवास पर बैठे हैं जिस दिन मोदी ने उपवास शुरू किया था। कांग्रेस ने घोषणा की है कि वाघेला और मोडवाडिया मोदी के उपवास तोडने के तीन घंटे बाद उपवास खत्म करेंगे।

नीतीश का उपवास पर टिप्पणी से इंकार
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भारतीय जनता पार्टी की ओर से अगले आम चुनाव में प्रधानमंत्री पद के संभावित उम्मीदवार माने जाने वाले गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी के उपवास पर कोई भी प्रतिक्रिया व्यक्त करने से इंकार किया है। कुमार ने आज यहां जनता के दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम के दौरान संवाददाताओं से बातचीत में मोदी के उपवास के बारे में पूछे जाने पर कहा कि व्यक्तिगत कार्यक्रम पर वह कोई प्रतिक्रिया व्यक्त नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि हर व्यक्ति और पार्टी को अपने कार्यक्रम चलाने की स्वतंत्रता है, इस पर प्रतिक्रिया की अपेक्षा नहीं की जानी चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार में भाजपा और जनता दल यूनाईटेड कागठबंधन है। भाजपा ने अगले चुनाव में प्रधानमंत्री पद के अपने उम्मीदवार के संबंध में कोई निर्णय नहीं लिया है और न हीं आधिकारिक तौर पर राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के घटक दलों को इसकी कोई जानकारी दी गयी है।

क्या थे क्या होंगे अगले जन्म में

JAI HIND
पिछले जन्म में क्या थे अगले जन्म में क्या होंगे इस बात को जानने की उत्सुकता सभी के मन में रहती है कि वह पिछले जन्म में क्या थे और अगले जन्म में क्या होंगे। ज्योतिषशास्त्र के अनुसार कुण्डली से व्यक्ति के वर्तमान ही नहीं अगले और पिछले जन्म के विषय में भी जानकारी मिल सकती है। इसलिए कोई व्यक्ति यह जानना चाहता है कि वह क्या था और क्या होगा तो उसे अपनी कुण्डली देखनी चाहिए।

पूर्वजन्म में क्या थे
अपने पूर्वजन्म के विषय में जानने के लिए लग्न और लग्नेश की स्थिति को देखना चाहिए। लग्न भाव में गुरू स्वराशि या उच्च राशि में बैठा है तो आप पूर्वजन्म में ब्राह्मण थे। धर्म-कर्म एवं ईश्वर के प्रति आपकी गहरी निष्ठा थी। लग्नेश मंगल अथवा सूर्य लग्न भाव में बैठा है या अपनी उच्च राशि में है तो आप पूर्व जन्म में क्षत्रिय रहे होंगे अथवा क्षत्रिय समान आपके कर्म रहे होंगे। बुध लग्नेश है और लग्न भाव में बैठा है अथवा अपनी उच्च राशि में स्थित है तो पूर्व जन्म में आप वैश्य रहे होंगे। शनि और राहु को शुद्र माना जाता है। लग्न स्थान में मकर या कुम्भ राशि हो और शनि या राहु लग्न में बैठा हो अथवा शनि अपनी उच्च राशि में बैठा हो तो पूर्व जन्म में आप शुद्र रहे होंगे।

क्या होंगे अगले जन्म में
कुण्डली में बारहवें भाव में गुरू अथवा के केतु शुभ स्थिति में होने पर व्यक्ति मृत्यु के पश्चात मोक्ष को प्राप्त करता है। मृत्यु के बाद के विषय में महर्षि पराशर ने और भी कई बातें विस्तार से बताई है। उनके अनुसार लग्न से छठे, सातवें अथवा आठवें भाव में गुरू होने पर व्यक्ति देवलोक में स्थान प्राप्त करता है। इन भावों में अगर चन्द्रमा या शुक्र हो तो मृत्यु के बाद व्यक्ति पितृलोक में जाता है। सूर्य या मंगल छठे, सातवें अथवा आठवें भाव में होने पर व्यक्ति मरने के बाद पुनः मृत्युलोक में जन्म लेता है। बुध अथवा शनि के होने पर नर्क का भोग मिलता है।

क्यों हो रहा है बार बार भूकंप

JAI HIND


भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार इस वर्ष सितम्बर माह में भारत और उसके पड़ोसी देशों में कुल 15 भूकंप के झटके महसूस किये गये हैं। अकेले भारत में 4 भूकंप के झटके महसूस किये गये हैं। सवाल उठता है कि सितम्बर माह में ऐसा क्या हो गया है कि बार-बार भूकंप के झटके महसूस किये जा रहे हैं।

अभी भूकंप और आ सकता है
इस प्रश्न का उत्तर ग्रहों की स्थिति से मिल सकता है। गुरू जिसे ग्रहों का गुरू माना जाता है वह 30 अगस्त से मेष राशि में वक्री होकर गोचर कर रहा है। गुरू की यह स्थिति 25 दिसम्बर तक रहेगी। मंगल जिसे भूमि का कारक माना जाता है। उसकी राशि में गुरू के वक्री होने इस अवधि में प्रकृति में कई उथल-पुथल होंगे। संभावना यह है कि इस दौरान कुछ और भूकंप के झटके महसूस किये जा सकते हैं।

'आदर्श' घोटाले में घिरते जा रहे हैं अशोक चव्हाण

JAI HINDकोलाबा में करगिल के शहीदों के लिए बने आदर्श सोसायटी के फ्लैट्स के आवंटन से जुड़े घोटाले में मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण के परिवार के कुछ और नाम जुड़ते दिख रहे हैं।

गुरुवार को इस घपले में मुख्यमंत्री की सास का नाम आया था। अब जो नाम सामने आया है, वह है मदनलाल मिल्कीराम शर्मा का, जो सीएम के ससुराल पक्ष से जुड़े़ शख्स हैं। अभी तक यह बात साफ हो चुकी है कि आदर्श सोसायटी में भगवती मनोहरलाल शर्मा के नाम से एक फ्लैट है, जो अशोक चव्हाण की सास का नाम है। अब जरा उनके ससुराल पक्ष के परिजनों को जानिए।

मिल्कीराम शर्मा ससुराल पक्ष के बुजुर्ग हुए यानी सीएम साहब की पत्नी के दादा जी, जिनकी बहू यानी सीएम की सास का नाम है भगवती मनोहरलाल शर्मा। भगवती जी के पति यानी सीएम के ससुर का नाम है मनोहर लाल शर्मा, लेकिन सवाल है मदनलाल मिल्कीराम शर्मा कौन हैं। नाम खुद बता रहा है कि उनका रिश्ता सीएम की ससुराल से है, लेकिन असली रिश्ता तो खुद सीएम साहब ही बताएंगे।

आदर्श सोसायटी के नाम पर मची इस लूट में सीबीआई की जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है, नए-नए खुलासे होते जा रहे हैं। अब सीबीआई ने आदर्श सोसायटी के सभी 103 सदस्यों की आय का ब्यौरा मांगा है। सवाल यह भी है कि डिफेंस एरिया से सटे इलाके में निर्माण को हरी झंडी कैसे मिली और इस निर्माण के लिए पर्यावरण मंत्रालय से अनुमति कैसे मिली।

यह इमारत कोस्टल रेगुलेशन जोन नियमों का भी उल्लंघन करती है। इस मामले में कई और नेता और आर्मी के आला अफसर घिरे हैं। यह भी पता चला है कि यह सोसयाटी रक्षा ठिकानों के काफी नजदीक है। इस पर नेवी ने भी चिंता जताई है।

जिन दूसरी बड़ी शख्सियतों के नाम यहां फ्लैट हैं, उनमें पूर्व सेना प्रमुख जनरल एनसी विज और दीपक कपूर, पूर्व नौसेना प्रमुख माधवेंद्र सिंह, पूर्व केंद्रीय मंत्री सुरेश प्रभु और कांग्रेस नेता कन्हैयालाल गिडवानी शामिल हैं। पर सवाल सिर्फ महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और सेना के आला अफसरों की ही नहीं है। कुछ और भी ऐसे नाम हैं, जो सवाल और शक पैदा करते हैं।

ऐसा ही एक नाम है रुपाली हरिश्चंद्र रावराणे का। रुपाली कणकवली इलाके से जुड़ी है और एक पेट्रोल पंप चलाती है। यह इलाका महाराष्ट्र के राजस्व मंत्री नारायण राणे का गढ़ माना जाता है। ऐसे में सवाल उठता है कि करगिल जंग से जुड़े परिवारों के लिए बनी आदर्श सोसायटी में रुपाली की दावेदारी की क्या वजह हो सकती है।

आदर्श सोसायटी घोटाला वाकई में घोटाले का एक 'आदर्श' मामला लगता है। सेना और नेताओं के अलावा जिन लोगों ने इस प्रोजेक्ट का 'बेड़ा' पार किया, उन्हें भी इनाम मिला। आदर्श सोसायटी में मुंबई के पूर्व कलेक्टर प्रदीप व्यास की बीवी सीमा व्यास के नाम भी एक फ्लैट है। प्रदीप ने ही सारे फ्लैट्स के आवंटन को मंजूरी दी थी। आवंटन सही है या नहीं, इसकी जांच मुंबई की पूर्व कलेक्टर आईए कुंदन ने की, गड़बड़ी नहीं निकली, तो एक फ्लैट उन्हें भी मिल गया।

मुंबई के पूर्व म्यूनिसिपल कमिश्नर जयराज फाटक ने 6 मंजिला इमारत को 31 मंजिली में तब्दील करने की मंजूरी दी थी। पिता के काम पर बेटे को इनाम मिला और एक फ्लैट उनके बेटे कनिष्क फाटक के हिस्से में आया

Sunday 18 September 2011

राहुल बनाम मोदी हो सकता है 2014 का आम चुनाव: अमेरिकी कांग्रेस रिपोर्ट


राहुल गांधी
अमेरिकी कांग्रेस की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि 2014 के आम चुनाव से पहले भारत में प्रधानमंत्री पद के संभावित उम्मीदवारों को लेकर बहस जोर पकड़ रही है और गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी और कांग्रेस नेता राहुल गांधी के बीच सीधा मुकाबला हो सकता है.
अमेरिकी कांग्रेस की दो दलीय स्वतंत्र शोध शाखा ने अपनी नई रिपोर्ट में मोदी को 2014 में भाजपा का मजबूत उम्मीदवार बताया है. साथ ही, इस पद के लिए कांग्रेस की ओर से राहुल गांधी की संभावनाओं पर चर्चा की गई है.
हालांकि भारत के अंतरराष्ट्रीय राजनीतिक आयामों का ब्यौरा देने वाली इस रिपोर्ट में यह साफ तौर पर इंगित नहीं किया गया है कि 2014 में चुनाव मोदी बनाम गांधी होगा. एक सितंबर की तारीख वाली इस रिपोर्ट में कहा गया, ‘2009 चुनाव में युवा गांधी को उभरते हुए नेता के रूप में देखा गया और कई उन्हें 2014 में होने वाले चुनावों के लिए कांग्रेस की ओर से प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार मानते है.’